बार-बार गर्भपात हो तो ये वजह हो सकती है

बार-बार गर्भपात हो तो ये वजह हो सकती है

सेहतराग टीम

आज की बदलती जीवनशैली ने इंसानों को कई ऐसी शारीरिक परेशानियां दी हैं जो पहले बहुत कम देखने में आती थीं। ऐसी ही एक परेशानी है महिलाओं में बार-बार गर्भपात यानी मिसकैरिज का होना। पहले जहां ये परेशानी बहुत कम महिलाओं में देखने में आती थी वहीं अब ये परेशानी बहुत अधिक देखने को मिल रही है। हममें से तकरीबन हर वयस्‍क के जान-पहचान में ऐसी कोई न कोई महिला अवश्‍य होती है जो इस परेशानी से गुजरी हो।

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सवाल है कि आखिर ऐसा क्‍यों होता है और क्‍या इसका कोई इलाज है?

दिल्‍ली के जाने माने फीजिशियन डॉक्‍टर एम.पी. श्रीवास्‍तव ने अपनी किताब सवाल आपके जवाब डॉक्‍टर के में इस परेशानी का जिक्र किया है। डॉक्‍टर श्रीवास्‍तव लिखते हैं: बार-बार गर्भपात का मुख्‍य कारण है माता-पिता में क्रोमोसोम संबंधी खराबियां। इस समस्‍या के अधिकांश मामले इसी वजह से होते हैं। इसके बाद करीब पंद्रह प्रतिशत महिलाओं में चोट, संक्रमण, असंतुलित आहार, मधुमेह, थाइरॉइड ग्रंथि की शिथिलता और गर्भाशय की बनावट संबंधी विकारों के कारण बार-बार गर्भपात की समस्‍या होती है।

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सवाल ये है कि क्‍या इस समस्‍या को इलाज संभव है?

डॉक्‍टर श्रीवास्‍तव लिखते हैं कि इस समस्‍या से परेशान दंपतियों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि किसी अच्‍छे स्‍त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए। डॉक्‍टर कुछ जांच के द्वारा ये पता लगा सकते हैं कि बार बार गर्भपात क्‍यों हो रहा है। डॉक्‍टर श्रीवास्‍तव के अनुसार आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि ऐसी महिलाएं जिनमें तीन बार तक गर्भपात हुआ हो उनमें सफल गर्भधारण की संभावना सत्‍तर से अस्‍सी फीसदी तक और जिनमें चार से पांच बार गर्भपात हुआ हो उनमें सफल गर्भधारण की संभावना पैंसठ से सत्‍तर फीसदी तक होती है। हां, ये जरूर ध्‍यान रखें कि गर्भधारण के बाद पूरे गर्भकाल में सावधानी बरतनी होती है और इस दौरान अपने गाइनोकॉलोजिस्‍ट से लगातार संपर्क में रहना होता है।

 

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